Top 5 most powerful Vishnu Mantra
à¤à¤—वान विष्णु सर्वशक्तिमान पर सर्वश्रेष्ठà¤à¤—वान है उन्हीं सही समग्र à¤ूमंडल और सà¤ी देवी देवताओं पशु पक्षी और जीवन à¤ी शुरुआत हुई उनकी सूती करना उनकी जाप करना सर्वोच्च कर्म है
आज के कलयुग में à¤à¤—वान विष्णु का आरती à¤à¤œà¤¨ श्रुति और मंत्र जाप करने से बहुत सारे पुण्य अर्जन कर सकते हैं
à¤à¤—वान विष्णु का पांच शक्तिशाली मंत्र के बारे में आज जानेंगे यह 5 मंत्र हर रोज जाप करने से हमारे अंदर का नकारात्मक ऊर्जा और सोच दूर होकर हमारे अंदर सकारात्मक सोच और ऊर्जा की à¤à¤°à¤ªाई होती है
5 मंत्रों की सही उच्चारण हिंदी और अंग्रेजी दोनों à¤ाषाओं में उपलब्ध है
By chanting 5 mantras everyday, the negative energy are removed and positive thoughts and energy are replenished within us. Correct pronunciation of 5 mantras is available in both Hindi and English languages.
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये"
"Shuklambaradaram vishnum
Shashivarnam Chaturbhujam
Prasanna Vadanam Dhyaayeth
Sarva Vighno Pashantaye"
(2) "शान्ताकारम् à¤ुजगशयनम् पद्मनाà¤à¤®् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुà¤ाङ्गम्
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिà¤िर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् à¤à¤µà¤à¤¯à¤¹à¤°à¤®् सर्वलोकैकनाथम्"
"Shaantaakaaram Bhujagashayanam Padmanaabham Suresham
Vishwaa Dharam Gagana Sadrusham Megha Varnam Subhangam
Lakshmi Kantam Kamalanayanam Yogibhir Dhyaana Gamyam
Vande Vishnum Bhava Bhaya Haram Sarva Lokaika Naatham"
(3) Jagajjalapalam Mantra Hindi and English
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रà¤ालं महादैत्यकालम्
नà¤ोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् à¤à¤œेऽहं à¤à¤œेहम् ||1||
सदाम्à¤ोधिवासं गलत्पुष्पहासं, जगत्सन्निवासं शतादित्यà¤ासम्
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं, हसच्चारुवक्त्रं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||2||
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं, जलान्तर्विहारं धराà¤ारहारम्
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं, ध्रुतानेकरूपं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||3||
जराजन्महीनं परानन्दपीनं, समाधानलीनं सदैवानवीनम्
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं, त्रिलोकैकसेतुं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||4||
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं, विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम्
स्वà¤à¤•्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं, निरस्तार्तशूलं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||5||
समस्तामरेशं द्विरेफाà¤à¤•ेशं, जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशम्
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं, सुवैकुण्ठगेहं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||6||
सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं, गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठम्
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं, महाम्à¤ोधितीरं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||7||
रमावामà¤ागं तलानग्रनागं, कृताधीनयागं गतारागरागम्
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं, गुणौधैरतीतं à¤à¤œेहम् à¤à¤œेहम् ||8||
|| फलश्रुति ||
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं, पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं, जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो||
(4) English
( 5) Aushadam Chintayed Vishnum Bhojanam Mantra
Aushadam Chintayed Vishnum Bhojanam Cha Janardhanam
Shayane Padmanabham Cha Vivahe Cha Prajapatim
Yuddhe Chakradharam Devam Pravase Cha Trivikramam
Narayanam Thanu Thyage Sridharam Priya Sangame
Dusswapne Smara Govindam Sankate Madhusudhanam
Kaanane Naarasimham Cha Pavaka Jalasayinam
Jalamadhye Varaham Cha Pravathe Raghunandanam
Gamane Vaamanam Chaiva Sarva Kaaryeshu Madhavam
Shadasaitaani Naamani Prathuruddhaya Yah Padeth
Sarva Papa Vinirmukto Vishnu Lokai Mahiyati
Sarva Papa Vinirmukto Vishnu Lokai Mahiyati
Sarva Papa Vinirmukto Vishnu Lokai Mahiyati
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